Wednesday, June 27, 2018

अशोक के चौदह वृहद शिलालेख

पहलापशुबलि की निंदा
दूसरामनुष्य एवं पशुओं दोनों की चिकित्सा व्यवस्था का उल्लेख, चोल, पांडय, सतियपुत्र एवं केरल पुत्र की चर्चा |
तीसराराजकीय अधिकारीयों (युक्तियुक्त और प्रादेशिक) को हर 5वे वर्ष द्वारा करने का आदेश |
चौथाभेरीघोष की जगह धम्म घोष की घोषणा |
पांचवाँधम्म महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी |
छठाधम्म महामात्र किसी भी समय राजा के पास सूचना ला सकता है, प्रतिवेदक की चर्चा |
सांतवाँसभी संप्रदायों के लिए सहिष्णुता की बात |
आठवाँसम्राट की धर्म यात्रा का उल्लेख, बोधिवृक्ष के भ्रमण का उल्लेख |
नौवाँविभिन्न प्रकार के समारोहों की निंदा |
दसवाँख्याति एवं गौरव की निंदा तथा धम्म नीति की श्रेष्ठता पर बल |
ग्यारहवाँधम्म नीति की व्याख्या |
बारहवाँसर्वधर्म समभाव एवं स्त्री महामात्र की चर्चा |
तेरहवाँकलिंग के युद्ध का वर्णन, पड़ोसी राज्यों का वर्णन, अपराध करने वाले आटविक जातियों का उल्लेख |
चौदहवाँलेखक की गलतियों के कारण इनमें कुछ अशुद्धियां हो सकती है |

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