पहला | पशुबलि की निंदा |
दूसरा | मनुष्य एवं पशुओं दोनों की चिकित्सा व्यवस्था का उल्लेख, चोल, पांडय, सतियपुत्र एवं केरल पुत्र की चर्चा | |
तीसरा | राजकीय अधिकारीयों (युक्तियुक्त और प्रादेशिक) को हर 5वे वर्ष द्वारा करने का आदेश | |
चौथा | भेरीघोष की जगह धम्म घोष की घोषणा | |
पांचवाँ | धम्म महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी | |
छठा | धम्म महामात्र किसी भी समय राजा के पास सूचना ला सकता है, प्रतिवेदक की चर्चा | |
सांतवाँ | सभी संप्रदायों के लिए सहिष्णुता की बात | |
आठवाँ | सम्राट की धर्म यात्रा का उल्लेख, बोधिवृक्ष के भ्रमण का उल्लेख | |
नौवाँ | विभिन्न प्रकार के समारोहों की निंदा | |
दसवाँ | ख्याति एवं गौरव की निंदा तथा धम्म नीति की श्रेष्ठता पर बल | |
ग्यारहवाँ | धम्म नीति की व्याख्या | |
बारहवाँ | सर्वधर्म समभाव एवं स्त्री महामात्र की चर्चा | |
तेरहवाँ | कलिंग के युद्ध का वर्णन, पड़ोसी राज्यों का वर्णन, अपराध करने वाले आटविक जातियों का उल्लेख | |
चौदहवाँ | लेखक की गलतियों के कारण इनमें कुछ अशुद्धियां हो सकती है | |
Wednesday, June 27, 2018
अशोक के चौदह वृहद शिलालेख
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