Saturday, June 30, 2018

सल्तनत काल के महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भाग-1 (Important Works of the Sultanate Part-1)

सल्तनत काल के महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भाग-1 (Important Works of the Sultanate Part-1)

इमारत का नाम

निर्माता

संबंधित तथ्य

कुब्बत-उल-इस्लाम मस्जिदकुतुबुद्दीन ऐबकयह पहले एक जैन मंदिर एवं बाद में विष्णु मंदिर था | 1197 ईस्वी में यह मस्जिद बनी | दिल्ली में रायपिथौरा किले के स्थान पर इंडो इस्लामिक शैली में निर्मित पहला स्थापत्य | इल्तुतमिश व अलाउद्दीन खिलजी ने इसका विस्तार किया |
अढ़ाई दिन का झोपड़ाकुतुबुद्दीन ऐबक1200 ई. में अजमेर में निर्मित यहां पहले एक मठ या बिहार था | इसकी दीवार पर विग्रहराज चतुर्थ द्वारा रचित संस्कृत नाटक हरिकेलि के अंश उद्धृत है |
क़ुतुबमीनारकुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा प्रारंभ1911 ई. में प्रारंभ एवं 1232 ईस्वी में इल्तुतमिश द्वारा पूर्ण की गई, संभवत है इससे यह नाम सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी से मिला | इसके छज्जे इसके छज्जे 'स्टेलेक्टाइट हनी कोमिंग' तकनीक द्वारा मीनार से जुड़े हैं इसके आधार पर एक पुरालेख पर फजल इब्न अबुल माली का नाम मिलता है | विद्युत आघात यह कारण इसकी एक मंजिल क्षतिग्रस्त हो गई जिसकी मरम्मत करवाने के साथ साथ फिरोज तुगलक ने एक अन्य पांचवीं मंजिल भी जोड़ दी | 206 ईसवी में सिकंदर लोदी ने इसकी मरम्मत करवाई अब इसकी ऊंचाई 24 फीट है (प्रारंभ में इसे 4 मंजिला व 125 फीट बनाया गया था ) |
इल्तुतमिश का मकबराइल्तुतमिशदिल्ली स्थित एक कक्षीय मकबरा (1234ई.) जो लाल पत्थर से बना है इसमें हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है |
सुल्तान गढ़ीइल्तुतमिश1231 ईस्वी में इल्तुतमिश द्वारा अपने ज्येष्ठ पुत्र नासिरूद्दीन का मकबरा बनवाया गया | भारत में निर्मित प्रथम मकबरा | इल्तुतमिश को मकबरा शैली का जन्मदाता कहा जाता है |
हौज-ए-शमसी तथा शमसी ईदगाहइल्तुतमिशदोनों भवन बदायूं में स्थित है |
बलबन मकबराबलबनइसमें पहली बार वास्तविक मेहराब का प्रयोग किया गया | यह मेहराब तिकोने डॉट पत्थरों और एक मुंडेर पत्थर पर आधारित था |
अलाई दरवाजाअलाउद्दीन खिलजीयह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का दक्षिणी प्रवेश द्वार था इसमें पहली बार तिकोने डॉट पत्थरों पर आधारित वैज्ञानिक विधि से गुंबद बनाया गया यही पहली बार घोड़े की नाल की आकृति वाले मेहरा बनाई गई | अलाई दरवाजे के बारे में मार्शल ने कहा है 'अलाई दरवाजा इस्लामी स्थापत्य के खजाने का सबसे सुंदर हीरा है' | यह इमारत लाल पत्थर की है इसमें कुरान की आयतों से काफी सजावट की गई है |
हजार सितून (हजार स्तंभों वाला महल)अलाउद्दीन खिलजीदिल्ली के निकट सीरी नामक नगर के पास स्थित 1303 ईस्वी में निर्मित |
जमात खाना मस्जिदअलाउद्दीन खिलजीतत्कालीन मस्जिदों में सबसे बड़ी है पहली ऐसी मस्जिद है जो पूर्णता इस्लामी विचारों के अनुसार बनी है यह दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास स्थित है जो लाल पत्थर से बनी है |
हौज-ए-अलाईअलाउद्दीन खिलजीयह दिल्ली में स्थित है इसे हौज-ए-खास भी कहा जाता है |
सीरी का किलाअलाउद्दीन खिलजी1303 ईस्वी में दिल्ली में निर्मित, मंगोल आक्रमण से सुरक्षा के लिए
ऊखा मस्जिदमुबारक शाह खिलजीभरतपुर राजस्थान में स्थित |

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