वाशिंगटन (प्रेट्र)। सफलता हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाती है, जबकि असफलता हमें तनाव, अवसाद और निराशा की ओर ले जाती है। भले ही सफलता और असफलता विलोम शब्द हों, लेकिन ये परस्पर संबंधित हैं। इस संदर्भ में किए गए अध्ययन में सामने आया है कि अपनी पिछले असफलताओं को लिखने का असर हमारे प्रदर्शन पर पड़ता है। इस अध्ययन में बताया गया है कि ऐसा करने से हमारे तनाव वाले हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है, जिससे प्रदर्शन में सुधार आता है। इसी के चलते भविष्य में सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
फ्रंटियर्स इन बिहेवियर न्यूरोसाइंस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो बताता है कि अपनी असफलताओं को गहराई से सोचकर लिखने का असर तनाव को लेकर हमारी प्रतिक्रिया पर पड़ता है। इससे हमें तनाव कम करने में मदद मिलती है और हमारे प्रदर्शन में सुधार आता है ताकि नए टास्क अच्छे से कर सकें।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि कई क्षेत्रों में इस तकनीक के जरिये लाभ उठाया जा सकता है। अमेरिका स्थित रूटर यूनिवर्सिटी नेवार्क से डॉक्टोरल के उम्मीदवार ब्रायन डिमैनीची के मुताबिक, हम अब तक इस बात से अंजान थे कि इस तरह असफलताओं को लिखने का सीधा संबंध तनाव के प्रति हमारे शरीर की प्रतिक्रिया से है।
हमारा यह अध्ययन बताता है कि भविष्य में आने वाली तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए यह तकनीक बेहद कारगर साबित होती है। इसके जरिये शरीर तनाव से लड़ने में सक्षम होता है और एक बार तनाव को कम करने में मदद मिल गई तो हमारा प्रदर्शन अपने आप बेहतर हो जाता है। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि चुनौतीपूर्ण स्थितियों में हमें सकारात्मक रहना चाहिए।
वहीं, शोधकर्ताओं का एक बड़ा समूह यह मानता है कि नकारात्मक बातों पर ध्यान देने और उसे सोचने के बजाए उसे एक कागज पर लिखने देना बेहतर विकल्प है। इसके जरिये हमारे अंदर सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होती हैं।
इस तरह किया अध्ययन
शोधकर्ताओं के इस दल में अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया और ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल थे। अध्ययन के लिए उन्होंने प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा। एक समूह को उनकी पिछली असफलताओं को लिखने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को ऐसी बातें लिखने को कहा गया, जिनका उनसे कोई संबंध नहीं था।
यह आया सामने
अध्ययन में सामने आया कि असफलताओं को लिखने वालों के तनाव के स्तर में कमी आई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा। इस आधार पर शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि असफलताओं को लिखने का सीधा असर हमारे प्रदर्शन पर पड़ता है यानी सफलता का आधार असफलता बनती है।
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