अगर दुनिया में तेजी से फैलते प्रदूषण पर काबू नहीं किया जो वह दिन दूर नहीं जब हमारा सांस लेना दूभर हो जाएगा। 5 जून को दुनियाभर में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद है दुनिया वालों को पर्यावरण के लिए सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक करना।
वैसे इस दिन को दुनियाभर में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1972 में की थी लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया था। और इसबार 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरूआत पर्यावरण की सुरक्षा और उसके संरक्षण के लिए किया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके कि आखिर क्यों पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है।
इस मौके पर पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के दौरान पौधरोपण से लेकर प्रयावरण जागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और साथ ही पर्यावरण को कैसे संरक्षित रखना है, इस बारे में विचार-विमर्श होता है।
पिछले कई दिनों से पानी के संकट से जूझ रहा भारत पर्यावरण दिवस को होस्ट कर रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की थीम 'बीट प्लास्टिक पोल्यूशन' रखी गई है। यानि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कैसे खत्म किया जा सकता है।
लेकिन चौंकाने वाली खबर बैंकॉक से आ रही है। यहां एक व्हेल की मौत हो इसलिए हो गई क्योंकि उसने समुद्र में प्लास्टिक के 80 बैग गटक लिए थे। यह बात अटॉप्सी रिपोर्ट में सामने आई है।
समुद्री एवं तटीय संसाधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इन 80 प्लास्टिक बैग का वजह आठ किलो से अधिक था। उपचार के दौरान चिकित्सकों ने व्हेल के पेट से पांच प्लास्टिक के बैग उल्टी करवाकर निकाले थे। कसेटस्टार्ट विश्वविद्यालय के लेक्चरर थोन ने बताया कि बैग की वजह से व्हेल कुछ नहीं खा पाई होगी। उन्होंने कहा, 'अगर आपके पेट में 80 प्लास्टिक बैग हैं तो आप मर जाएंगे।'
उल्लेखनीय है कि थाइलैंड प्लास्टिक बैग का दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, और हर साल देश में बड़ी संख्या में समुद्री जीव मारे जाते हैं। पर्यावरण पर लापरवाही का मामला यहीं नहीं खत्म होता है। भले ही आज भारत 2018 का पर्यावरण दिवस को होस्ट कर रहा हो लेकिन पूरा देश वायू प्रदूषण और पीने के पानी की कमी से जूझ रहा है। और यह कहने में जरा भी शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए कि भले ही हम अच्छे होस्ट हों और अतिथि की उपमा देव से करते हों लेकिन पर्यावरण देव की चिंता हमें नहीं है।
इस मौके पर पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के दौरान पौधरोपण से लेकर प्रयावरण जागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और साथ ही पर्यावरण को कैसे संरक्षित रखना है, इस बारे में विचार-विमर्श होता है।
पिछले कई दिनों से पानी के संकट से जूझ रहा भारत पर्यावरण दिवस को होस्ट कर रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की थीम 'बीट प्लास्टिक पोल्यूशन' रखी गई है। यानि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कैसे खत्म किया जा सकता है।
लेकिन चौंकाने वाली खबर बैंकॉक से आ रही है। यहां एक व्हेल की मौत हो इसलिए हो गई क्योंकि उसने समुद्र में प्लास्टिक के 80 बैग गटक लिए थे। यह बात अटॉप्सी रिपोर्ट में सामने आई है।
समुद्री एवं तटीय संसाधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इन 80 प्लास्टिक बैग का वजह आठ किलो से अधिक था। उपचार के दौरान चिकित्सकों ने व्हेल के पेट से पांच प्लास्टिक के बैग उल्टी करवाकर निकाले थे। कसेटस्टार्ट विश्वविद्यालय के लेक्चरर थोन ने बताया कि बैग की वजह से व्हेल कुछ नहीं खा पाई होगी। उन्होंने कहा, 'अगर आपके पेट में 80 प्लास्टिक बैग हैं तो आप मर जाएंगे।'
उल्लेखनीय है कि थाइलैंड प्लास्टिक बैग का दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, और हर साल देश में बड़ी संख्या में समुद्री जीव मारे जाते हैं। पर्यावरण पर लापरवाही का मामला यहीं नहीं खत्म होता है। भले ही आज भारत 2018 का पर्यावरण दिवस को होस्ट कर रहा हो लेकिन पूरा देश वायू प्रदूषण और पीने के पानी की कमी से जूझ रहा है। और यह कहने में जरा भी शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए कि भले ही हम अच्छे होस्ट हों और अतिथि की उपमा देव से करते हों लेकिन पर्यावरण देव की चिंता हमें नहीं है।
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