नमस्कार
लोग कहते है कि सरकार कुछ नही करती भ्रष्ट है।
इसके हम भी कुछ जिम्मेदार है राशनकार्ड से 2 और 3 रुपए मे राशन लेते है. अपने बच्चो की स्कूल फीस 1से 2 लाख देते है शहर मे मकान भी; संरक्षक के नाम अच्छी-खासी खेती-बाड़ी सब साधन ये भी सरकार से राशन लेते है जिनको मिलना चाहिए उनको नही मिलता है
दो महीनो मे एक बार वितरण कर दिया बस हो गया काम
बाकी मिलकर खा लिया ।
सरकार भी देखरेख के नाम पर खाना पूर्ति करती है
उन्ही मे से एक कागजो पर देख रेख की रिपोर्ट बना के पेश कर देते है
इसी प्रकार सभी विभाग चूना लगा के पान खाते है।
कुछ लोग फर्जी विकलांग सटिर्फिकेट बनवाकर बस रेलवे
और नौकरी एव ट्रान्सफर मे फायदा उठाते है ।
पैसा फेको भ्रष्टाचार करो .
कुछ तुम खावो कुछ हम बाकी पागल तो चिल्लाते है ।
लोग कहते है कि सरकार कुछ नही करती भ्रष्ट है।
इसके हम भी कुछ जिम्मेदार है राशनकार्ड से 2 और 3 रुपए मे राशन लेते है. अपने बच्चो की स्कूल फीस 1से 2 लाख देते है शहर मे मकान भी; संरक्षक के नाम अच्छी-खासी खेती-बाड़ी सब साधन ये भी सरकार से राशन लेते है जिनको मिलना चाहिए उनको नही मिलता है
दो महीनो मे एक बार वितरण कर दिया बस हो गया काम
बाकी मिलकर खा लिया ।
सरकार भी देखरेख के नाम पर खाना पूर्ति करती है
उन्ही मे से एक कागजो पर देख रेख की रिपोर्ट बना के पेश कर देते है
इसी प्रकार सभी विभाग चूना लगा के पान खाते है।
कुछ लोग फर्जी विकलांग सटिर्फिकेट बनवाकर बस रेलवे
और नौकरी एव ट्रान्सफर मे फायदा उठाते है ।
पैसा फेको भ्रष्टाचार करो .
कुछ तुम खावो कुछ हम बाकी पागल तो चिल्लाते है ।
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